Mangal - Rahu Angarak Yoga - Astrology Notes



Mangal - Rahu Angarak Yoga - Astrology Notes
इस बार 3 अप्रैल, मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से अंगारक गणेश चतुर्थी का योग बन रहा है। पंडितजी कहते है कि  , जिन लोगों की कुंडली में अंगारक योग है, वे यदि इस दिन मंगलदेव को प्रसन्न करने के उपाय करें तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

कैसे बनता है अंगारक योग?
कुंडली में जब राहु और मंगल एक ही भाव में होते हैं, तो अंगारक योग बनता है। जिसकी कुंडली में ये योग होता है, उसे अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अंगारक योग का प्रभाव
1. मंगल और राहु दोनों ही क्रोधी प्रवृत्ति के ग्रह हैं। मंगल को दुर्घटना, वाद-विवाद व क्रोध आदि का कारक माना जाता है।
2. राहु की वजह से अचानक नुकसान, षड़यंत्र, मतिभ्रम (यानी दिमाग से संबंधित परेशानियां) आदि के योग बनते हैं।
3. जब ये दोनों ग्रह किसी की कुंडली में एक ही भाव में होते हैं तो उस व्यक्ति के साथ दुर्घटना होने की संभावना और भी बढ़ जाती है।
4. अंगारक योग की वजह से वह व्यक्ति स्वभाव से बहुत ही क्रोधी और क्रूर हो सकता है। 5. उसके विवाह आदि में परेशानियां होती हैं। परिवार के सदस्य व लोगों के साथ भी उसका वाद-विवाद होता रहता है।
6. जिसकी कुंडली में अंगारक योग होता है, उसके जेल जाने की संभावना भी रहती है।

ये हैं उपाय
1. हर मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करें।
2. लाल चीजें जैसे-फल, कपड़ा आदि का दान करें।
3. मंगलदेव के मंत्रों का जाप करें।
4. मंगलयंत्र की स्थापना कर रोज उसकी पूजा करें।
5. राहु के मंत्रों का जाप करें।
6. दुर्गा चालीसा का पाठ रोज करें।
7. पक्षियों को रोज बाजरा खिलाएं।
8.घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल लगाएं।

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